Share Price Today: ₹290 से लुड़कर ₹3 पर आ गया भाव, अब अडानी खरीद रहे कंपनी, शेयर पकड़ेगा स्पीड बड़ा मौका

Jaiprakash associates Share Price Today : कुछ वर्ष पूर्व इस शेयर का भाव 290 रुपए से ऊपर चढ़ गया था लेकिन उसके बाद भारी गिरावट आई और कीमत घटकर ₹3 के स्तर तक पहुंच गई पिछले शुक्रवार को कंपनी के शहर में जबरदस्त उछाल देखने को मिली इसका मुख्य कारण कंपनी के अधिग्रहण की दौड़ में अदानी समूह का सबसे आगे रहना है आई इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

पिछले शुक्रवार को जब शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली इस वक्त जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के शेयर में तेज रफ्तार उछाल दर्ज हुआ इस शहर का एक दिन पहले का क्लोजिंग भाव 3. 62 रुपए था जो शुक्रवार को 5% के अपर सर्किट के साथ बढ़कर 3.80 रुपए तक पहुंच गया कुछ वर्ष पहले यह शेर 290 रुपए के पार तक पहुंचा था लेकिन बाद में बड़ी गिरावट के चलते भाव घटकर ₹3 के आसपास आ गया हालांकि हाल के दिनों में इसमें लगातार बढ़ते दर्ज हो रही है इसका मुख्य कारण कंपनी को अधिग्रहीत करने की होड़ में अडानी समूह का आगे रहना है।

दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही कंपनी

कर्ज में डूबी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स फिलहाल दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है इस कंपनी को हासिल करने के लिए कई बड़े बिजनेस ग्रुप में अपनी बोलियां दाखिल की है बिजनेस लाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुनीत डालमिया समर्थ डालमिया भारत और गौतम अडानी की अडानी एंटरप्राइजेज दो दावेदार माने जा रहे हैं इनमें भी अदानी समूह अधिग्रहण को लेकर आक्रामक रणनीति अपना रहा है यहां तक की कंपनी को खरीदने के लिए बिना किसी शर्त के बोली पेश कर चुका है।

संशोधित बोलियां का अगला दौर संभव

रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा कंपनियों की ओर से संशोधित बोलियां का दूसरा चरण आने की संभावना है और अगस्त के मध्य तक नई बोलियां दाखिल हो सकती है सूत्रों के मुताबिक डालमिया और अडानी के अलावा अन्य एक पक्षों ने खनन क्षेत्र के दिग्गज अनिल अग्रवाल की वेदांत नवीन जिंदल समर्थ जिंदल पावर और पीएनसी इंफ्राटेक भी शामिल है पहले तक सभी बोलियों सरशर्त थी लेकिन अब लेनदारों ने कंपनियों से बिना शर्त ऑफर देने को कहा है मामले से जुड़े एक व्यक्ति के अनुसार अदानी ने पहले ही बिना शर्त बोली जमा कर दी है और कतिथ तौर पर एक बड़ा अग्रिम नगद भुगतान करने की पेशकश भी की है वहीं कुछ अन्य बोली दाताओं ने अपने प्रस्तावों की समीक्षा कर नहीं बोलियां दाखिल करने की इच्छा जताई है।

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