Personal Loan लेने जा रहे हैं तो जरूर आजमाए ये तरीका, EMI में चूना लगने से बच जाओगे

Cheap Loan Can Turn Costly : पर्सनल लोन सस्ता लग सकता है लेकिन इसमें छिपे हुए चार्ज आपकी जेब पर भारी पड़ सकते हैं प्रोसेसिंग फीस से लेकर फ्री पेमेंट पेनल्टी तक कई ऐसे शुल्क है जो धीरे-धीरे बड़ा बोझ बन जाते हैं लोन लेने से पहले इन चार्ज को जानना बेहद जरूरी है।

पर्सनल लोन लेना अब चुटकियों का काम बन गया है बस आपका क्रेडिट स्कोर मजबूत होना चाहिए जैसे ही आप बैंक की वेबसाइट पर लोन वाले क्षेत्र में कदम रखते हैं फोन बजाने लगते हैं थोड़ी ही देर में दूसरे बैंकों से भी कॉल आनी शुरू हो जाती है कोई ना कोई कम ब्याज दर का भरोसा डिकर आपको मना ही लेता है उधर लोन लेने वाला भी सिर्फ ईएमआई और ब्याज पर ध्यान टिकाए रहता है उसे लगता है सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है लेकिन हकीकत कुछ और होती है असली झंझट तब सामने आते हैं जब ईएमआई और ब्याज के अलावा छुपे हुए चार्ज को हम नजरअंदाज कर जाते हैं।

प्रोसेसिंग फीस

भाई साहब यह वही चार्ज है जिसका जिक्र शुरू में अक्सर नहीं होता आप चाहे बैंक जाएं या एनबीएफसी के पास सारी बातें बता दी जाएगी अंत में धीरे से कह दिया जाएगा सर प्रोसेसिंग फीस भी देनी होगी यह चार्ज आपका लोन अमाउंट का 1 से 3% तक हो सकता है इसे आपका लोन अमाउंट से घटा दिया जाता है मतलब अगर आपने एक लाख का लोन मंजूर कराया है तो आपको केवल 99 हजार ही मिलेंगे लेकिन चुकाना पूरा एक लाख ही होगा इसलिए जब भी पर्सनल लोन लेने जाएं इस फीस को माफ करने की बात जरूर करें अगर बैंक ना माने तो कम से कम इसे पहले से लोन अमाउंट में जोड़कर रखें।

समय से पहले चुकाया तो भी देना होगा चार्ज

अगर आपने 3 साल के लिए लोन लिया लेकिन 2 साल में ही चुका देना चाह तो भी बैंक आपसे एक अतिरिक्त रकम वसूल करेगा इस बैंकिंग भाषा में प्रीपेमेंट या फोर क्लोजर चार्ज कहा जाता है यह चार्ज आमतौर पर 2 से 5 फ़ीसदी तक हो सकता है जरा गणना करके देखिए अगर यह रकम आपकी बचत पर भारी पड़ रही है तो बेहतर है लोन की बची ईएमआई को ही पूरा कर दिया जाए।

छिपा हुआ बीमा

कई बार पर्सनल लोन के साथ लोन प्रोटक्शन इंश्योरेंस या पर्सनल एक्सीडेंट कर भी जोड़ दिया जाता है इस बीमा की रकम पर भी ब्याज लगता है लोन मंजूरी से पहले एक बार इसकी पूरी जानकारी ले ले ऐसा कोई बीमा अनिवार्य नहीं है एजेंट से साफ कहिए यह बीमा किसी और को भेजिए मुझे नहीं चाहिए।

जीएसटी भी देना पड़ेगा

लोन से जुड़े हर तरह के चार्ज जैसे प्रोसेसिंग फीस लेट पेमेंट फ्री पेमेंट इंश्योरेंस पर आपको 18% जीएसटी देना होता है इससे आपकी कल लोन चकौती राशि में इजाफा हो जाता है आप पहले ही ब्याज समेत अच्छा खासा पैसा चुका रहे होते हैं इससे बचा नहीं जा सकता लेकिन आप ब्याज दर कम करवाने की कोशिश जरूर कर सकते हैं मतलब की बिल्कुल मूल भाव करें ब्याज दर में एक प्रतिशत की कटौती भी बड़ी राहत ला सकती है।

लेट पेमेंट चार्ज

अगर ईएमआई बाउंस हो गई या समय पर भुगतान नहीं कर पाए तो बैंक भारी-भर काम चार्ज लगा इसलिए हमेशा अपने बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस बनाए रखें अगर किसी वजह से ईएमआई मिस हो जाए तो तुरंत बैंक को सूचित करें उनसे आग्रह करें कि लेट पेमेंट चार्ज माफ कर दिया जाए हालांकि कानूनी तौर पर इससे छूट नहीं मिलती लेकिन दबाव बनाना आपके पक्ष में काम कर सकता है जैसे मैं आपका पुराना ग्राहक हूं अगर आपने यह चार्ज माफ नहीं किया तो भविष्य में मैं आपकी सेवाएं नहीं लूंगा।

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