Reliance Home Finance Share News : गुरुवार 24 जुलाई को कारोबार के दौरान अनिल अंबानी के ग्रुप की कंपनियों के शेयर निवेशकों के बीच चर्चा का केंद्र बने रहे दरअसल अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की फॉर्म और येस बैंक से जुड़ी करीब 3000 करोड रुपए की बैंक लोन धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा छापेमारी की खबर आने के बाद शेयरों में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला इस खबर के बाद रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर पर रिलायंस पावर के शेयरों ने पांच प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्शाई जबकि ग्रुप की एक अन्य कंपनी रिलायंस होम फाइनेंस के शेयरों में तेजी दर्ज की गई रिलायंस होम फाइनेंस के शेयरों ने पांच प्रतिशत का अपर सर्किट छूते हुए 4.79 रुपए का इंट्राडे हाई बनाया हालांकि अगर दीर्घकालिक नजरिए से देखा जाए तो कंपनी के शेयरों ने निवेशकों को काफी नुकसान पहुंचा है 22 सितंबर 2017 को यह शेर 107 रुपए के भाव पर था जबकि अब यह सिंगल डिजिट में आ चुका है।
क्या है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दिल्ली और मुंबई में पहले 35 से अधिक ठिकानों की तलाशी प्रक्रिया शुरू की है बताया गया है कि यह ठिकाने करीब 50 कंपनियों और लगभग 25 व्यक्तियों से संबंधित है यह छानबीन ईडी की दिल्ली यूनिट द्वारा अंजाम दी जा रही है ईडी सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि 2017 से 2019 के बीच येस बैंक द्वारा प्रदान किए गए लगभग 3000 करोड रुपए के कर्ज के दुरुपयोग को लेकर यह जांच की जा रही है सूत्रों का यह भी कहना है की जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया है की कर्ज जारी होने से ठीक पहले येस बैंक के प्रमोटर्स के खातों में एक बड़ी धनराशि जमा हुई जिससे यह आशंका जताई गई है कि यह रकम रिश्वत के तौर पर ली गई थी।
इस पूरे मामले में रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड भी जांच के गहर में है ऐसा माना जा रहा है कि सेबी की एक रिपोर्ट जिसमें आरएचएफएल द्वारा दिए गए कॉरपोरेट लोन में अचानक बढ़ोतरी का उल्लेख है इसे जांच का आधार बनी है बाजार नियामक सेबी के निष्कर्ष के अनुसार RHFL में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 3742.60 करोड रुपए के कॉरपोरेट लोन दिए थे जो अगले साल 2018 19 में बढ़कर 8670.80 करोड रुपए तक पहुंच गए।
डिस्क्लेमर: लेख में दी गई जानकारी निवेश की सलाह नहीं है शेयर बाजार में निवेश करने से पहले विशेष से सलाह लेना जरूरी है।